वीर रस की कविता क्या है? और कैसे लिखें?
क्या आप भी लिखना चाहतें हैं आग उगलती हुईं वीर रस की कविताएं?
तो ये टिप्स पढें।
वीर रस की कविता क्या है? और कैसे लिखें?(What is Veer Ras Kavita and Veer Ras Ki Kavita Kese Likhe?) ये सवाल अक्सर हर कविता प्रेमी के मन मेंं जरूर उठता होगा।
आपके मन में भी देशभक्ति के भाव उमड़ते हैं और आप भी अपने भावों को शब्दों में पिरोना चाहते हैं और मंच से श्रोताओं को भाव विभोर कर देना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। जो मै आज आपको बताऊंगा।।
तो शुरू करते हैं आज का अध्याय--
1) शब्द चयन-
दोस्तों, जब हम लेखन के शुरुआती दौर में होते हैं तो जो भी भाव हमारे मन में आते हैं उन्हें हम वैसे के वैसे ही कागज़ या मोबाइल की डायरी में उतार लेते हैं;औऱ आत्ममुग्ध होकर सोचते हैं कि वाह!!हम क्या शानदार लिखते हैं!!!
लेकिन अगर आप वीर रस या देशभक्ति पर कुछ लिखना चाहते हैं तो आपका शब्द चयन सबसे महत्वपूर्ण होता हैं। और कविता या शायरी में शौर्य और देशभक्ति के भाव जाग्रत करने के लिए सबसे ज्यादा ट वर्ग के वर्णों का प्रयोग किया जाता हैं। और इसके उदाहरण स्वरूप आपको रावण रचित शिवतांडव स्तोत्रम पढ़ना चाहिए।
अब आपके मन मे ये प्रश्न जरूर आ रहा होगा कि ये "ट" वर्ग के वर्ण क्या बला है???
तो घबराइये मत, हम बता देते है सब साफ साफ!!!
अगर हम बात करें तो मोटे तौर पर हिंदी वर्णमाला को 5 वर्गो में बांटा गया है जो निम्न है-
क वर्ग- इसमें आते है वर्णमाला के 5 वर्ण। क, ख, ग, घ, ड़् ।
च वर्ग- इसमें आते है- च् छ् ज् झ् ञ्
ट वर्ग-इसमें आते हैं- ट् ठ् ड् ढ् ण् (ड़् ढ्)
त वर्ग- इसमें ये - त् थ् द् ध् न्
प वर्ग-इसमें ये- प् फ् ब् भ् म्
ट वर्ग-इसमें आते हैं- ट् ठ् ड् ढ् ण् (ड़् ढ्)
त वर्ग- इसमें ये - त् थ् द् ध् न्
प वर्ग-इसमें ये- प् फ् ब् भ् म्
इसमें से "ट"वर्ग के वर्णों से रचित कविता, दूसरी कविताओं की तुलना में ज्यादा प्रभावशाली होती हैं।
2) इतिहास का सही अध्ययन-
आज कल के नवोदित कलमकारों में जो सबसे बड़ी कमी नजर आती है वो है इतिहास के बारे में सही जानकारी का न होना। यूट्यूब और सोशल मीडिया की आंधी देश के अधिकतर युवाओं को अपने लक्ष्य से भटका रहीं हैं जबकि ये बात आज का युवा समझ नही पा रहा।
यूट्यूब और सोशल मीडिया पर वीर रस की कविता पर होने वाली वाह वाही और कवियों का होता सम्मान देख कर नए लोग भी उनके जैसा ही बनना चाहते है। लेकिन उनके जैसा बनने के चक्कर मे वो इतिहास और ऐतिहासिक घटनाओं की बिना अपने स्तर पर जांच किये अपनी लेखनी चला देते है। और कविता या तुकबंदी लिख भी देते हैं और यहाँ तक कि अगर कोई मंच उन्हें मिल जाता हैं तो वे उसे वहां पढ़ भी देते है।
लेकिन एक कलमकार को ऐसा बिल्कुल नही करना चाहिए,क्योंकि सामने बैठे हुए श्रोता कवियों को बुद्दिजीवी वर्ग मानते हैं और उनकी कही गई बातों पर विश्वास करते हैं।
3) शौर्य गाथाओं का अध्ययन-
शौर्य गाथाओं और इतिहास के महान योद्धाओं के चरित्र को जानना, उनके शौर्य और पराक्रम के बारे में पढ़ना, समझना आदि आपके भावों को जाग्रत करने में सहायक हो सकते हैं। इसलिए ज्यादा से ज्यादा इतिहास और इतिहास के महान योद्धाओं के बारे में अध्ययन करें।
जय हिन्द.