Veer Ras की Paribhasha
Hello Dear Students, आपने Google से वीर रस की परिभाषा उदाहरण सहित या वीर रस के 10 उदाहरण दीजिए, जैसे प्रश्न जरूर पूछे होंगे, इसीलिए आज के इस Blog Post में हम वीर रस की परिभाषा (veer ras ki paribhasha) और वीर रस के प्रमुख उदाहरणों को आसान भाषा में समझेंगे। इस Blog Post को पढ़कर आप, किसी भी परीक्षा में आने वाले वीर रस से संबधित प्रश्नो के उत्तर आसानी से लिख सकते हैं।
वीर रस क्या हैं?
हम जानते हैं कि हिंदी साहित्य में 9 प्रमुख रस होते हैं। वीर रस, इन्हीं 9 रसों में से एक प्रमुख रस है।हालांकि हिंदी साहित्य के विद्व जनों में इस बात को लेकर मतभेद हैं कि हिंदी में 9 रस हैं या 10 ! कहीं कहीं तो ये मतभेद रसों की संख्या को 11 और 12 तक भी कर देता हैं पर हम यहां पारम्परिक हिंदी साहित्य में प्रमुख 9 रसों का ही ज़िक्र करेंगे। वीर रस, वह मनोभाव हैं जिससे पाठक, दर्शक या श्रोता के मन में उत्साह का भाव पैदा हो जाता हैं।
वीर रस की परिभाषा दीजिये- Veer Ras Ko Paribhashit Karen
हिंदी साहित्य में 9 प्रमुख रस होते हैं। वीर रस, इन्हीं 9 रसों में से एक प्रमुख रस है। वीर रस, वह मनोभाव हैं जिससे पाठक, दर्शक या श्रोता के मन में उत्साह का भाव पैदा हो जाता हैं। "जब किसी नाटक, घटना, रचना या वाक्य आदि को पढ़ते, देखते या सुनते समय हृदय में वीरता और आनंद की अनुभूति के साथ उत्साह के भाव जाग्रत हों, तो उसे वीर रस कहते है।"
वीर रस का स्थायी भाव "उत्साह" होता है। वीर रस की उत्पत्ति के प्रमुख कारक काव्य को पढ़ते समय पाठक के मन में आने वाले वीरता, उत्साह, उमंग और पराक्रम जैसे भाव होते हैं।
वीर रस की परिभाषा उदाहरण सहित समझाइए -Veer Ras ki Paribhasha Udaharan Sahit
वीर रस, वह मनोभाव हैं जिससे पाठक, दर्शक या श्रोता के मन में उत्साह का भाव पैदा हो जाता हैं। "जब किसी नाटक, घटना, रचना या वाक्य आदि को पढ़ते, देखते या सुनते समय हृदय में वीरता और आनंद की अनुभूति के साथ उत्साह के भाव जाग्रत हों, तो उसे वीर रस कहते है।" वीर रस का स्थायी भाव "उत्साह" होता है।
Must Read: पढ़िए Ramdhari Singh Dinkar 7+ Poems, सबसे कठिन छंद में (2023)
वीर रस का उदाहरण-झांसी की रानी
बुन्देलों हरबोलो के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥
लक्ष्मी थी या दुर्गा थी वह स्वयं वीरता की अवतार,
देख मराठे पुलकित होते उसकी तलवारों के वार,
नकली युद्ध-व्यूह की रचना और खेलना खूब शिकार,
सैन्य घेरना, दुर्ग तोड़ना ये थे उसके प्रिय खिलवार।
महाराष्ट्र -कुल-देवी, उसकी भी आराध्य भवानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।
सुभद्रा कुमारी चौहान
वीर रस का उदाहरण-वीर तुम बढ़े चलो
वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो।
हाथ में ध्वजा रहे, बाल दल सजा रहे,
ध्वज कभी झुके नहीं दल कभी रुके नहीं
वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो।
सामने पहाड़ हो सिंह सी दहाड़ हो
तुम निडर डरो नहीं तुम निडर डटो वहीं
वीर तुम बढ़े चलो धीर तुम बढ़े चलो।
फहरी ध्वजा, फड़की भुजा, बलिदान की ज्वाला उठी।
निज जन्मभू के मान में, चढ़ मुण्ड की माला उठी।
वीर रस का उदाहरण-राणा प्रताप और चेतक
चढ़ चेतक पर तलवार उठा,
करता था भूतल पानी को
राणा प्रताप सर काट काट,
करता था सफल जवानी को।।
रण बीच चौकड़ी भर भर कर
चेतक बन गया निराला था।
राणा प्रताप के घोड़े से
पड़ गया हवा का पाला था।।
Must Read:
- वीर रस की कविता क्या है? और कैसे लिखें?
- Kavi Ramdhari Singh Dinkar की 11+ प्रसिद्ध वीर रस की कविताएं
- Ramdhari Singh Dinkar 7+ Poems
FAQ
Q. वीर रस से क्या तात्पर्य है?
Ans. वीर रस, वह मनोभाव हैं जिससे पाठक, दर्शक या श्रोता के मन में उत्साह का भाव पैदा हो जाता हैं।
Q. veer ras ki paribhasha Kya hai?
Q.रस की संख्या कितनी है?
Ans.हिंदी साहित्य में 9 प्रमुख रस होते हैं। हालांकि हिंदी साहित्य के विद्व जनों में इस बात को लेकर मतभेद हैं कि हिंदी में 9 रस हैं या 10 ! कहीं कहीं तो ये मतभेद रसों की संख्या को 11 और 12 तक भी कर देता हैं।
Q.वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो में कौन सा रस है?
Ans. वीर तुम बढ़े चलो धीर तुम बढ़े चलो एक वीर रस का उदाहरण हैं।
Q.आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि कौन हैं?
Ans.आधुनिक युग के सर्वश्रेष्ठ वीर रस के कवि रामधारी सिंह दिनकर हैं। इनकी प्रमुख वीर रस की कृतियाँ कुरुक्षेत्र, रश्मिरथी आदि हैं।
Q.वीर रस की प्रमुख कृति कौन सी है?
Ans.वीर रस के कवि रामधारी सिंह दिनकर की प्रमुख वीर रस की कृतियाँ कुरुक्षेत्र, रश्मिरथी आदि हैं। रीतिकालीन कवि भूषण की वीर रस की प्रसिद्ध कृति "शिवा बावनी" हैं।
Must Read: रामधारी सिंह दिनकर की देशभक्ति कविताएं